इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चार वर्षीय बीए-बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स की शुरुआत: शिक्षक बनने का सुनहरा अवसर
इलाहाबाद। इंटरमीडिएट के बाद शिक्षक बनने का सपना देखने वाले विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) आगामी शैक्षिक सत्र से चार वर्षीय बीए-बीएड इंटीग्रेटेड (एकीकृत) कोर्स शुरू करने जा रहा है। यह कोर्स इंटीग्रेटेड शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) के तहत संचालित होगा, जिसे देश के केवल छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों को ही शुरू करने की अनुमति मिली है। अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय भी इस सूची में शामिल हो गया है।
एनसीईटी और एनटीए की मान्यता के साथ होगा दाखिला
इस पाठ्यक्रम में दाखिला नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (NCET) के स्कोर के आधार पर होगा, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) आयोजित करती है। विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग के अंतर्गत संचालित इस कोर्स को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCERT के अधीन NCET) की मंजूरी प्राप्त हो गई है।
शुरुआत में 50 सीटें निर्धारित की गई हैं, जिसमें विद्यार्थियों का चयन NCET स्कोर के आधार पर मेरिट से होगा।
कुलपति के नेतृत्व में मिली ऐतिहासिक मंजूरी
शिक्षा शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. धनंजय यादव ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के कुशल नेतृत्व में इस कोर्स को मंजूरी दिलाना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि इविवि का शिक्षा शास्त्र विभाग पहले से ही देश का अग्रणी विभाग रहा है। वर्ष 1942 में यहीं से पहली बार एमएड कोर्स की शुरुआत हुई थी, जो विभाग की गौरवशाली परंपरा को दर्शाता है।
क्या है ITEP कोर्स और इसके लाभ
ITEP (इंटीग्रेटेड शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम) एक डुअल डिग्री कोर्स है, जिसमें विद्यार्थी को चार वर्षों के अध्ययन के बाद बीए और बीएड दोनों डिग्रियां प्राप्त होंगी। इस कोर्स की अवधि आठ सेमेस्टर यानी चार वर्ष की होगी।
इस कोर्स के तीन प्रमुख लाभ हैं:
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PGT पात्रता: विद्यार्थी को बीए-बीएड के बाद सीधे PGT (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) पदों के लिए आवेदन की पात्रता प्राप्त हो जाएगी।
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तीव्र स्नातकोत्तर डिग्री विकल्प: विद्यार्थी बीए में लिए गए मेजर विषय में एमए कर सकते हैं, जो उनकी विषयगत विशेषज्ञता को और बढ़ाएगा।
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सिर्फ एक साल में एमएड: इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले विद्यार्थी केवल एक वर्ष में एमएड (M.Ed.) की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी पेशेवर शिक्षा और भी मजबूत होगी।
वर्ष 2030 से शिक्षक बनने की न्यूनतम योग्यता बन सकता है ITEP
पीआरओ प्रो. जया कपूर ने बताया कि केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत वर्ष 2030 तक ITEP कोर्स को स्कूली शिक्षकों के लिए अनिवार्य न्यूनतम योग्यता बनाने की योजना है। ऐसे में यह कोर्स भविष्य में शिक्षक बनने के इच्छुक युवाओं के लिए आवश्यक बन सकता है।
प्रवेश की प्रक्रिया और तैयारी
इच्छुक विद्यार्थी को एनटीए द्वारा आयोजित NCET परीक्षा में सम्मिलित होना होगा। परीक्षा में प्राप्त स्कोर के आधार पर मेरिट तैयार की जाएगी और उसी के अनुसार दाखिले होंगे। आवेदन की प्रक्रिया और परीक्षा की तिथि के संबंध में जानकारी जल्द ही NTA और विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की जाएगी।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय का यह कदम उन विद्यार्थियों के लिए नया द्वार खोलता है जो इंटर के बाद ही शिक्षक बनने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं। गुणवत्ता युक्त शिक्षक शिक्षा की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है, जो शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम जोड़ेगी।
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