अकाउंटेंसी की अनिवार्यता बनी छात्रों के लिए परेशानी, बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स की अनदेखी पर उठे सवाल
प्रयागराज | 6 जुलाई 2025 — इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने बी.कॉम (Bachelor of Commerce) सत्र 2025-26 में दाखिले के लिए पात्रता मानदंड जारी कर दिए हैं। हालांकि, इन मानदंडों को लेकर छात्रों में भारी नाराज़गी देखी जा रही है। वजह है — Business Studies और Economics जैसे प्रमुख वाणिज्यिक विषयों को डोमेन विषय की सूची में शामिल न किया जाना।
📘 B.Com के लिए अनिवार्य शर्तें क्या हैं?
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनुसार, B.Com में प्रवेश के लिए CUET (UG) 2025 के तहत निम्नलिखित तीन शर्तें जरूरी हैं:
- भाषा विषय (Language Test) — हिंदी या अंग्रेज़ी में से कोई एक अनिवार्य
- जनरल टेस्ट (General Aptitude Test) — अनिवार्य
- डोमेन विषयों में से किसी एक का चयन अनिवार्य:
- अकाउंटेंसी / बुक कीपिंग
- भौतिकी (Physics)
- रसायन विज्ञान (Chemistry)
- गणित (Mathematics)
- कंप्यूटर साइंस
- जीवविज्ञान / जैविक अध्ययन / बायोटेक्नोलॉजी
- पर्यावरण अध्ययन / पर्यावरण विज्ञान
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स को इस सूची में नहीं रखा गया है।
90% छात्रों को अकाउंटेंसी में कम स्कोर, बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स में बेहतर प्रदर्शन
❗ अकाउंटेंसी अनिवार्य लेकिन स्कोर कम, छात्र हुए निराश
कई छात्रों के पास 12वीं में अकाउंटेंसी था, लेकिन CUET में उनका स्कोर अपेक्षाकृत कम आया है। ऐसे में वे छात्र जिनका बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स में अच्छा स्कोर था, लेकिन वो विषय पात्र नहीं हैं — उनका एडमिशन रुक गया है।
“अगर बिजनेस स्टडीज या इकोनॉमिक्स को मान्यता मिलती, तो मेरा स्कोर कवर हो जाता और मेरी जगह यूनिवर्सिटी में बनती,” — एक छात्र, प्रयागराज
🤔 सिर्फ एक कॉमर्स विषय क्यों?
कॉमर्स स्ट्रीम में 12वीं के स्तर पर आमतौर पर चार प्रमुख विषय होते हैं — Accountancy, Business Studies, Economics & Entrepreneurship. ऐसे में सवाल उठता है कि जब तीन और विषय मौजूद थे, तो केवल अकाउंटेंसी को ही क्यों डोमेन के रूप में चुना गया?
🤔 क्या बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स को शामिल किया जा सकता था?
विशेषज्ञों की मानें तो हां, इन विषयों को डोमेन सब्जेक्ट्स की सूची में शामिल किया जा सकता था। देश के कई प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालय CUET (UG) के तहत B.Com में इन दोनों विषयों को मान्यता देते हैं।
🎓 छात्रों की संख्या पर पड़ेगा असर
इस निर्णय का सीधा असर उन छात्रों पर पड़ रहा है जिन्होंने 12वीं में वाणिज्य स्ट्रीम में बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स को प्रमुख विषयों के रूप में चुना था। अब ऐसे छात्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीकॉम के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे।
📣 क्या विश्वविद्यालय कर सकता है बदलाव?
छात्र संगठन और स्कूल शिक्षक अब विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करे। उनका मानना है कि यदि Business Studies और Economics को शामिल किया जाए, तो विश्वविद्यालय को गुणवत्ता वाले अधिक छात्र मिल सकते हैं और प्रवेश प्रक्रिया अधिक न्यायपूर्ण बन सकती है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की बी.कॉम प्रवेश नीति में बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स जैसे लोकप्रिय विषयों को बाहर रखने से कई छात्रों को हानि हुई है। यदि ये विषय डोमेन सूची में होते, तो बहुत से छात्रों का प्रवेश संभव हो सकता था। उम्मीद है कि विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में इन सुझावों पर ध्यान देगा।
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